RESEPECT YOUR HABITAT - WORLD HABITAT DAY
When we live within the earth's natural habitat
Nature treats us in the same manner 'tit for tat'
Let's endear our own habitat with great respect
Then we can enjoy it without any form of regret
(C) Samuel Goh Kim Eng
[In Hindi]
रेसेप्क्त यौर हबितात - वर्ल्ड हबितात दय
व्हें वी लाइव विथिं थे एअर्थ'एस नातुरल हबितात
नातुरे त्रेअट्स उस इन थे समे मंनेर 'तित फ़ॉर तात'
लेट'एस इंडार ओउर ओवन हबितात विथ ग्रेट रेस्पेक्त
थें वी कैन ऎन्जॉय इत विथौत एनी फॉर्म ऑफ़ रेग्रेट
(क) समुएल गोह किम इंग
No comments:
Post a Comment